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मध्यप्रदेश अन्य राज्यों का स्थापना दिवस भी मनाएगा – राज्यपाल पटेल

मध्यप्रदेश में मनाया गया तेलंगाना स्थापना दिवस
स्थापना दिवस समारोह दोनों राज्यों में आपसी समझ एवं संवाद बढ़ाने की पहल

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता में शारीरिक समीपता महत्वपूर्ण नहीं है, मानसिक, वैचारिक और भावनात्मक साम्यता का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा पर विगत दिनों गुजरात और महाराष्ट्र राज्य का स्थापना दिवस "अखंडता का उत्सव'' के रूप में राजभवन में मनाया गया था। इसी क्रम में अन्य राज्यों के स्थापना दिवस पर "अखंडता का उत्सव'' मनाया जाएगा।

राज्यपाल पटेल विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में तेलंगाना के स्थापना दिवस समारोह "अखंडता का उत्सव'' को संबोधित कर रहे थे। उत्सव में मध्यप्रदेश और तेलंगाना के मूल निवासी मौजूद थे।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना में विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस का आयोजन इतिहास, कला और संस्कृति को साझा करने की पहल है, जो दोनों राज्यों के मूल निवासियों की आपसी समझ एवं संवाद को और अधिक मजबूत बनाता है। एक राष्ट्र अनेक संस्कृतियों की हमारी गौरवशाली विरासत के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है। उन्होंने भारतीय संघ में देशी रियासतों के विलीनीकरण के प्रसंग का उल्लेख भी किया और सरदार पटेल के योगदान का स्मरण किया।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि भारत में हर राज्य की संस्कृति, भाषा और वेशभूषा अलग होने पर भी भारतीयों ने विविधता में एकता द्वारा सांस्कृतिक एकता का रास्ता तय किया है। विभिन्न परंपराओं, आचार-व्यवहार, भाषा, संस्कृतियों के प्रति सम्मान का भाव ही भारतीयता की पहचान है। उन्होंने अपील की कि हमारी देश की समृद्ध विरासत, संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं में रची-बसी विविधता में एकता के बारे में लोगों को बताया जाए। समन्वयकारी भारतीय संस्कृति की महत्ता और अतीत के गौरव से जब जन-मानस परिचित होगा, तब उनमें राष्ट्र बोध की भावना जागृत और मजबूत होगी, समरस समाज का निर्माण होगा। राज्यपाल ने तेलंगाना राज्य के स्थापना दिवस पर अपनी-अपनी सांस्कृतिक विशिष्टताओं के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत-श्रेष्ठ भारत संकल्प की सिद्धि में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए कहा। अखंड और आत्म-निर्भर भारत को दुनिया का सबसे सबल, समर्थ देश बनाने और भारत की मूल पहचान और सम्मान को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने के लिए संकल्पित होने को कहा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कार्यक्रम हम सभी के लिये अनुपम और अनुकूल सौगात लेकर आया है। राज्य सरकार द्वारा कुछ समय पहले सम्राट विक्रमादित्य के नाट्य का मंचन हैदराबाद में किया गया था। सम्राट विक्रमादित्य तेलंगाना में भी बहुत प्रसिद्ध हैं। वहाँ उन्हें भट्टाराजा के नाम से सम्बोधित किया जाता है। इस तरह के कार्यक्रम से हमारे देश की आन्तरिक एकता मजबूत होती है। उन्होंने तेलंगाना राज्य की स्थापना के संघर्ष के बलिदानियों को नमन किया। डॉ. यादव ने तेलंगाना की प्रगति की और कार्यक्रम की सराहना करते हुए तेलंगानावासियों को राज्य के स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दी।

राज्यपाल पटेल का स्वागत सचिव एमएसएमई और आयुक्त उद्योग पी.नरहरि ने पुष्प-गुच्छ और अंग-वस्त्र भेंट कर किया। उन्होंने स्वागत भाषण में तेलंगाना राज्य के गठन और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित किये जाने की पहल से तेलंगानावासियों में हर्ष व्याप्त होने की जानकारी दी। नरहरि ने बताया कि "अखंडता का उत्सव'' एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करता है और बताता है कि विविधता के बावजूद हम सभी भारतवासी एकता के सूत्र में बँधे हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। कलाकार श्रीमती चन्दनासिद्धार्थ तेलंग ने तेलुगु में भगवान गणेश की वन्दना की और अन्नामाचार्य की रचना "गोविंदा गोविंद अनिकुरुवे" भजन गाया। चन्दनासिद्धार्थ तेलंग और कामाक्षी ने तेलंगाना का लोक-नृत्य ‘वतुकंमा’ प्रस्तुत किया। तेलंगाना की स्थापना पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

 

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