अध्यात्म

इन बातों से मिलता है पितरों के नाराज होने का संकेत 

 नई दिल्ली 
पितृ पक्ष 20 सितंबर से शुरू हो चुके हैं, जो कि 6 अटूबर तक चलेंगे। सनातन संस्कृति में पितृ को देवतुल्य माना गया है। मृत्यु के तत्काल बाद पितृ देव नहीं हो जाते। इसके लिए तेरह दिन तपस्या करनी पड़ती है। तेरहवीं के बाद पितरों को पिंडदान (समस्त पूर्वजों) के बाद देवताओं की श्रेणी में रखा जाता है। श्राद्ध पक्ष में अक्सर कई लोगों को अपने पूर्वजों के सपने भी आते हैं। वे सपने में उन लोगों को देखते हैं, जो मर चुके हैं। श्राद्ध के दिनों में सपने आने को पूर्वजों के तर्पण से जोड़कर देखा जाता है।

वहीं, विज्ञान के अनुसार श्राद्ध के समय हम अपने पूर्वजों को ज्यादा याद करते हैं इस कारण से हमारे दिमाग में उनकी यादों के अंश फ्लैशबैक की तरह चलते रहते हैं इसलिए रात को दिमाग पूरी तरह सोता नहीं है इसलिए हमें श्राद्ध के दिनों में सपने आते हैं। पौराणिक दृष्टिकोण से सोचें, तो इसका एक पहलू यह है कि पूर्वजों का  सपने में आना हमें किसी बात का संकेत देना हो सकता है। वहीं, इससे आप अंदाजा भी लगा सकते हैं कि कहीं आपके पितर आपसे नाराज तो नहीं है. आइए, जानते हैं किन बातों से मिलता है यह संकेत- 

पितरों के नाराज होने के कारण 
पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और उनका आवह्न करके उन्हें आमंत्र‍ित करना चाहिए। ऐसा न करने पर पितृ नाराज हो जाते हैं और इस कारण से घर में पैसों की तंगी जैसी परेशानियां आने लगती हैं।
 
ये हो सकते हैं संकेत 
-अगर आप बच्चे की किलकारी सुनने के लिए तरस रहे हैं, तो आपकी कुंडली में पितृ दोष का योग होना इसका कारण बन सकता है।

-परिवार के लोगों के बीच आपसी कलह और पैसों की तंगी भी इसी ओर इशारा करते हैं।

-बेवजह के कोर्ट-कचहरी के केस होना पितृ दोष की वजह से हो सकता है।

-अगर आपकी बेटी के विवाह में देरी हो रही है और इसके पीछे का कारण आपको समझ में नहीं आ रहा है, तो कुंडली में पितृ दोष की जांच करवानी चाहिए।

-सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन अगर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, तो आपकी कुंडली में पितृ दोष का योग ऐसा कर सकता है।

 

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