राजनीती

मुरूगन के नामांकन के साथ शुरू हुई सियासत, कांग्रेस ने उठाया बाहरी होने का मुद्दा बीजेपी को घेरने की कोशिश

भोपाल
तमिलनाडु से आने वाले केंद्रीय मंत्री एल मुरूगन के मध्य प्रदेश से राज्यसभा का नामांकन भरने के साथ ही इस पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने मुरूगन के बाहरी होने का मुद्दा उठाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है. कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा बीजेपी राज्यसभा में मध्य प्रदेश की आवाज  कमजोर करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी बाहरी नेताओं को मध्य प्रदेश की जनता पर थोप रही है. थावरचंद गहलोत मध्य प्रदेश के रहने वाले नेता हैं और उनके इस्तीफे के कारण ही राज्यसभा की सीट खाली हुई थी. लिहाजा राज्यसभा में बीजेपी को किसी मध्य प्रदेश के नेता को ही चुनना चाहिए था.

वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों का पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने कहा कांग्रेस इसे फिजूल मुद्दा बना रही है. बीजेपी एक बड़ा परिवार है और एमपी का मान राज्यसभा में और बढ़ा है. सबनानी ने कहा मुरुगन के एमपी से राज्यसभा जाने पर एक और केंद्रीय मंत्री का नाम एमपी कोटे से जुड़ गया है.

मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीट हैं. इनमें से अभी 7 सीट बीजेपी के पास हैं जबकि कांग्रेस के पास तीन सीट हैं. एक सीट पर चुनाव होना है. बीजेपी से अभी एम जे अकबर और धर्मेंद्र प्रधान दो ऐसे नेता हैं जो मध्य प्रदेश कोटे से राज्यसभा गए हैं. लेकिन दोनों मध्य प्रदेश से बाहर के हैं. इनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय प्रताप सिंह, सुमेर सिंह सोलंकी, कैलाश सोनी और संपतिया उईके बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं. कांग्रेस से दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा और राजमणि पटेल तीन राज्यसभा सांसद हैं. तीनों ही मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं.

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