मध्य प्रदेश

बुंदेलखंड: सबसे बड़े हॉस्पिटल का हाल बेहाल, सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे सैकड़ों जिंदगियां

छतरपुर
बुंदेलखंड के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल के हालात देख छतरपुर एसडीएम हैरान रह गए। एसडीएम ने कहा कि जिस अस्पताल में 300 मरीजों को एक साथ भर्ती करने की क्षमता हो, सैकड़ो मरीज रोजाना बीमारी के चलते इलाज कराने आते हों, ऐसे अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर मरीजों को देखते मिला है, बाकी सभी डॉक्टर नदारत हैं, यह हैरान करने वाला है। आपको बता दें कि छतरपुर जिला अस्पताल बुंदेलखंड का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है। इस अस्पताल में मरीजों के लिए 300 बेड उपलब्ध हैं, साथ ही मरीजों के लिए 100 बेडों की व्यवस्था और की जा रही है। अस्पताल आधुनिक मशीनों से युक्त हैं लेकिन इसी अस्पताल में दोपहर होते ही सभी विभागों के डॉक्टर अस्पताल से नदारत हो जाते हैं।

दोपहर बाद विभागों में खाली पड़ी रहती हैं डॉक्टरों की कुर्सियां
दरअसल जिला अस्पताल में इन दिनों लगातार इस बात की शिकायतें आ रही हैं कि दोपहर होने के बाद जिला अस्पताल में पदस्थ तमाम डॉक्टर अपने-अपने चेंबरों को छोड़ कर चले जाते हैं। ऐसे में पूरा जिला अस्पताल सिर्फ इमरजेंसी में पदस्थ डॉक्टर के भरोसे ही रहता है। दोपहर बाद जिला अस्पताल का नजारा कुछ इस तरह का होता है कि चेंबर तो खुले रहते हैं लेकिन डॉक्टर नदारद रहते हैं।

शिकायत मिलने पर पहुंचे SDM हो गए हैरान
छतरपुर एसडीएम यूसी मेहरा को इस बात की जानकारी मिली थी की जिला अस्पताल में दोपहर के बाद कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहता है और इसी बात की हकीकत जानने के लिए छतरपुर एसडीएम अचानक जिला अस्पताल पहुंच गए। छतरपुर एसडीएम जिला अस्पताल में लगभग 20 मिनट तक घूमते रहे। जिन-जिन कमरों में डॉक्टर बैठते थे, वहां जाकर देखा लेकिन उन्हें पूरे अस्पताल में इमरजेंसी के अलावा कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला।

एसडीएम बोले- कलेक्टर को दी रिपोर्ट
एसडीएम यूसी नेहरा ने जानकारी देते हुए बताया है कि छतरपुर कलेक्टर के पास किसी ने इस बात की शिकायत की थी की जिला अस्पताल में दोपहर बाद सभी डॉक्टर नदारद हो जाते हैं। उन्होंने कहा, 'आज मैं औचक निरीक्षक के लिए जिला अस्पताल आया था। निरीक्षण करने के बाद मैं बेहद हैरान हूं कि इतने बड़े जिला अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर ही मौजूद मिला। मामले की पूरी जानकारी कलेक्टर साहब को दे दी जाएगी। आगे इस मामले में जो भी कार्रवाई होगी कलेक्टर साहब ही करेंगे।'

 

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