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अखिलेश ने मंच पर झटक दिया अतीक का हाथ, हमेशा के लिए बंद हो गए थे सपा के दरवाजे

बात दशकभर पुरानी है। 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश यादव सपा के दामन पर लगे माफिया-अपराधी प्रेमी होने के दाग को मिटाने में जुटे थे।

माफिया मुख्तार और उसके परिवार से दूरी बनाने के साथ उन्होंने अतीक अहमद से भी किनारा करने का मन बना लिया था। वह विरोधी दलों व जनता के बीच यह साफ संदेश देना चाहते थे कि उनके दौर की समाजवादी पार्टी अब नई है।

इसमें अपराधियों के लिए जगह नहीं है। इसी कड़ी में 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले नैनी में आयोजित जनसभा में आए अखिलेश यादव ने मंच पर अतीक के साथ ऐसा बर्ताव किया कि उससे वह पूरी तरह से असहज हो गया।

अतीक ने दो बार अखिलेश के कान में कुछ कहने व उनका हाथ पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अखिलेश ने उसका हाथ झटक दिया। अपने संबोधन के दौरान भी अतीक का नाम लेने से कतराते रहे। इस सभा के बार राजनीतिक गलियारे में सपा और अतीक के बीच दूरियां बढ़ती गईं। अतीक के लिए सपा के दरवाजे भी हमेशा के लिए बंद हो गए।

अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या
आपको बता दें कि प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार की रात में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रात साढ़े 10 बजे के बाद अतीक और अशरफ को उस वक्त गोली मारी गई जब वो दोनों मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गए थे। मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलावरों ने दनादन गोलियां बरसाईं। एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी इस घटना में घायल हुआ था।

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