छत्तीसगढ़

 कृषि विभाग में बीज घोटाला, विसल ब्लोअर बना जूनियर अधिकारी

धमतरी
किसानों द्वारा प्रशासन पर घटिया बीज वितरण का आरोप लगाते अक्सर आपने देखा होगा, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ के धमतरी में कृषि विभाग के एक जूनियर अधिकारी ने अपने सीनियर अधिकारी पर घटिया बीज वितरण का आरोप लगाया है. कर्मचारी ने मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की है. बीज घोटाला मामले में जांच शुरू हो चुकी है. अधिकारी पर घटिया बीज बांटकर किसानों के साथ ठगी का आरोप लगाया गया है.

धमतरी कृषि विभाग में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सुनील देवांगन ने विसल ब्लोअर की भूमिका निभाते हुए अपने उपसंचालक एलपी अहिरवार कर खिलाफ ही कलेक्टर से लिखित शिकायत की है. शिकायत भी कोई मामूली नहीं बल्कि किसानों के साथ ठगी और घोटाले की है. सुनील देवांगन के मुताबिक बीते रबी सीजन में जिले के सभी 4 ब्लॉक के किसानों को कुसुम की फसल लेने के लिए प्रेरित किया गया और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई. इसके लिए कुसुम के पीबीएसएन-12 किस्म के बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया गया.

किसानों को 40 रुपये प्रति किलो की दर से नगद बीज दिया गया, लेकिन ये बीज प्रमाणित न होकर साधारण बीज था. क्योंकि जिस किसान से बीज लिया गया वो बीज प्रक्रिया केंद्र में पंजीकृत नहीं है. लिहाजा उसकी बीजों का लेब में कोई परीक्षण नहीं हुआ है और उस किसान को साधारण बीज की कीमत की जगह प्रमाणित बीज की कीमत अदा की गई. जिसमें लगभग दोगुने का फर्क होता है.

बाज़ार में साधारण बीज सिर्फ 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम में उपलब्ध है. जबकि प्रमाणित बीज 40- 45 रुपये प्रति किलोग्राम में मिलता है. शिकायतकर्ता सुनील देवांगन ने बताया कि पूरी प्रक्रिया में बीज अधिनियम का उल्लंघन किया गया है. मामले में उपसंचालक पर कार्रवाई की मांग की है. मामले में धमतरी कलेक्टर आर प्रसन्ना का कहना है कि जांच के निर्देश दे दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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