राजनीती

राममंदिर पर सरकार गंभीर, प्रियंका गांधी की एंट्री से SP-BSP गठबंधन को होगा ज़्यादा नुकसान

नई दिल्ली             
प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री ने यूपी के चुनावी रण को और दिलचस्प बना दिया है. हालांकि यूपी में अधिकतर वोटर मानते हैं कि प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को लाभ नहीं होगा लेकिन इसका नुकसान बीजेपी से ज्यादा एसपी-बीएसपी गठबंधन को होगा. 

सर्वे में हिस्सा लेने वाले अधिकतर प्रतिभागियों ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार के रुख को गंभीर माना. सर्वे के मुताबिक पीएम के लिए नरेंद्र मोदी और सीएम के लिए योगी आदित्यनाथ पहली पसंद बने हुए हैं. हालांकि सीएम के लिए पसंद के मामले में योगी आदित्यनाथ से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अधिक पीछे नहीं हैं.  

प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री के मायने
प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में आने का फैसला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है. PSE सर्वे में जब प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या सक्रिय राजनीति में प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को मदद या फायदा मिल सकता है?  इस सवाल के जवाब में 57%  प्रतिभागियों ने ‘नहीं’कहा. सर्वे में महज़ 27%  प्रतिभागियों ने ही माना कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस को लाभ होगा. इस सवाल पर 16%  वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.     

सर्वे में 56% वोटरों ने माना कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में कांग्रेस महासचिव के तौर पर कमान संभालने से एसपी और बीएसपी के गठबंधन को ज्यादा नुकसान होगा. वहीं 31% वोटरों की राय में प्रियंका की एंट्री से बीजेपी को अधिक नुकसान होगा. इस सवाल पर 13%  प्रतिभागियों ने कोई साफ राय व्यक्त नहीं की.

क्या यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगा?  इस सवाल के जवाब में 48% प्रतिभागियों ने ‘नहीं’ कहा. वहीं 35%  प्रतिभागियों की राय में ये गठबंधन यूपी में बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगा. इस सवाल पर 17%  प्रतिभागियों ने कहा कि वे स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह सकते.    

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार गंभीर
अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर मोदी सरकार के रुख को गंभीर मानने वाले वोटरों की संख्या ताजा PSE सर्वे में 47% रही.  हालांकि सर्व में 35% वोटरों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर मोदी सरकार को गंभीर नहीं मानते हैं. सर्व में 18%  प्रतिभागी इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके.

सवर्णों को 10% आरक्षण का लाभ किसे?
PSE सर्वे में 49%  प्रतिभागियों ने माना कि नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी  आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के पक्ष में जाएगा. हालांकि सर्वे में 31% वोटरों ने राय जताई कि ये फैसला बीजेपी के खिलाफ जाएगा. सर्वे में सिर्फ 2%  वोटरों ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इस सवाल के जवाब में 18% वोटर कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त कर सके.

नोटबंदी का फैसला ‘अच्छा कदम’
पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज के लिए हुए सर्वे में 53%  वोटरों ने 2016 में मोदी सरकार की ओर से लिए गए ‘नोटबंदी’ के फैसले को अच्छा कदम बताया. सर्वे में 34% वोटरों की राय में ‘नोटबंदी’ का फैसला खराब कदम था. सर्वे में 11% वोटरों ने कहा कि इस फैसले से कुछ फायदा नहीं हुआ. 2%प्रतिभागी इस सवाल पर कोई साफ राय नहीं जता सके.    

योगी सरकार के कामकाज से 42% संतुष्ट, 39% असंतुष्ट
ताजा PSE सर्वे में उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के कामकाज से 42% वोटरों ने खुद को संतुष्ट बताया. सितंबर 2018 में हुए सर्वे में ये आंकड़ा 41% था. ताजा सर्वे में राज्य सरकार के कामकाज से 39% वोटरों ने खुद को असंतुष्ट बताया. चार महीने पहले योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज से 37% वोटर खुद को असंतुष्ट बता रहे थे.

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