लाइफस्टाइल

दर्द भरी Cupping therapy बढ़ाएगी आपकी खूबसूरती

इन दिनों महिलाएं अपने लुक और खूबसूरती को लेकर काफी कॉन्शस हो गई हैं। बसूरत और जवां दिखने के लिए वह क्या-क्या नहीं करती। आजकल कई ऐसे ब्यूटी ट्रीटमेंट और थेरपीज भी मौजूद हैं जो आपको खूबसूरत बनाने के साथ-साथ स्किन को जवां और हेल्दी रखने का दावा करते हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर थेरेपीज में काफी दर्द होता है। बॉलिवुड दीवाज से लेकर नॉर्मल लोग भी अपनी खूबसूरती निखारने के लिए दर्द सहने को तैयार हैं और इन थेरपीज को करवाते हैं। यहां हम बात कर रहे् हैं कपिंग थेरेपी की। तो आखिर क्या है कपिंग और इसे कैसे किया जाता है, यहां जानें…

क्या है कपिंग थेरपी
कपिंग थेरपी के लिए शीशे का कप इस्तेमाल करके वैक्यूम पैदा किया जाता है जिससे कि कप बॉडी से चिपक जाए। अब इसके लिए मशीन का इस्तेमाल होता है। कपिंग करने के तीन से पांच मिनट बाद दूषित खून जमा हो जाता है। जमा हुए गंदे खून को शरीर से निकाल दिया जाता है। इस थेरेपी के बाद स्किन ग्लो करने लगती है। इस थेरेपी में फेस पर दोनों गाल, माथे और चिन पर कपिंग की जाती है। अगर हेल्थ से जुड़ी समस्या के लिए कपिंग थेरेपी ली जाती है तो जिस पॉइंट पर बीमारी की पहचान होती है वहीं पर कपिंग की जाती है। अगर बीमारी अपने शुरुआती स्टेज में हो तो दो सीटिंग में बीमारी खत्म हो जाती है। कपिंग थेरेपी में सबसे पहले ऐक्यूपंचर स्पेशलिस्ट रुई के गोले को शराब में भिगोकर कांच के छोटे कप में रखकर इसमें आग लगा देते हैं। इसके बाद आग को बुझाकर गर्म कप को स्किन पर रखकर कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता है।

बॉलिवुड दीवाज को भी पसंद है यह थेरेपी
उर्वशी रौतेला खुद को खूबसूरत बनाएं रखने के लिए फायर कपिंग थेरेपी का सहारा लेती हैं। इस थेरेपी के दौरान एक्यूपंचर स्पेशलिस्ट कॉटन के गोले को पहले शराब में भिगोकर कांच के छोटे कप में रखकर आग लगा देते हैं। इसके बाद आग को बुझाकर उस गर्म बर्तन को तुरंत स्किन पर रख दिया जाता है। इससे स्किन टिशू को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे त्वचा ग्लोइंग दिखाई देती है। बॉलिवुड ऐक्ट्रेस दिशा पाटनी और रिएलिटी शो रोडीज से करियर शुरू करने वाली अभिनेत्री और वीडियो जॉकी ‘बानी जे’ भी पिछले दिनों कपिंग थेरेपी कराने के लिए चर्चा में थीं।

हेल्थ से जुड़ी समस्याओं में भी राहत
महिलाएं कपिंग थेरेपी मुख्य रूप से खूबसूरती निखारने के लिए करती हैं। लेकिन ये थेरेपी केवल खूबसूरती बढ़ाने का काम नहीं करती बल्कि इस थेरेपी से हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं में भी आराम मिलता है। कमर दर्द, स्लिप डिस्क,सर्वाइकल डिस्क, पैरों की सूजन और झनझनाहट जैसी समस्याओं में यह थेरेपी काफी फायदेमंद है। इस थेरेपी से रिलैक्ससेशन और तनाव से आराम मिलता है। इससे शरीर में बल्ड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है। इस थेरेपी के तहत हेल्थ से जुड़ी समस्या को खत्म करने के लिए खून में संतुलन बनाकर चलते हैं।

बीमारियों से निजात पाने के लिए कैसे होती है कपिंग थेरेपी
इस थेरेपी में सबसे पहले मरीज का जरूरी ब्लड टेस्ट होता है और उससे जुड़ी बीमारी का एक्स रे किया जाता है। बीमारी के अनुसार गर्दन या गर्दन के नीचे या पीठ में कपिंग की जाती है , पहले यह थेरेपी कुल्हड़ से की जाती थी लेकिन अब कप से की जाती है। हवा का कम दबाव बनाने के लिए कप को गर्म करके कप के अंदर मौजूद हवा और लौ की मदद लेकर या फिर कपों को गर्म सुगंधित तेलों में डुबोकर त्वचा पर लगाया जाता है। जैसे-जैसे कप के अंदर मौजूद हवा ठंडी होती है यह त्वचा को सिकोड़ती है और थोड़ा अंदर की ओर खींच लेती है।अब तो वैक्यूम के लिए मशीन का इस्तेमाल होता है इसके अलावा रबड़ कप का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे करने पर कप सामान्य रूप से नरम ऊतक पर ही इस्तेमाल किये जाते हैं। उपचार के आधार पर कप को हटाने के बाद इसके निशान भी रह जाते हैं। यह साधारण लाल रंग के छल्ले की तरह होते हैं जो जल्दी ही दूर भी हो जाते हैं।

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