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पुलवामा अटैक के बाद आतंकी मुल्क के तौर पर और बदनाम हुआ पाकिस्तान

वॉशिंगटन
पुलवामा अटैक के बाद उपजी परिस्थितियों के चलते दुनिया भर में पाकिस्तान की छवि आतंक को पनाह देने वाले देश के तौर पर और मजबूत हुई है। दुनियाभर के देशों की ओर से आई प्रतिक्रियाओं और घोषणाओं से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की छवि आतंक के पनाहगार के तौर पर और पुष्ट हुई है। पुलवामा में अटैक और उसके बाद भारत की एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान के भारतीय सीमा में घुसने के मामले से भारत पीड़ित के तौर पर उभरा है। यही नहीं, पुलवामा के जवाब में भारत की एयर स्ट्राइक को दुनिया ने आत्मरक्षा के तहत उठाए गए कदम के तौर पर देखा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दफ्तर की ओर से भारत की एयर स्ट्राइक पर कहा गया था कि यह आत्मरक्षा सरीखा कदम है। ट्रंप प्रशासन ने तो भारत की एयर स्ट्राइक से पहले ही इस तरह की टिप्पणी की थी कि वह अपने स्तर पर फैसला ले सकता है। इसके बाद भारत की एयर स्ट्राइक पर वॉशिंगटन ने कहा था कि यह काउंटर-टेररिस्ट ऐक्शन जैसा है। अमेरिका की इस टिप्पणी ने भारत को आक्रामक ठहराने जैसी किसी भी आशंका को खत्म करने का काम किया। यही नहीं, अमेरिका के बाद फ्रांस और रूस ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की। 

पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त कहे जाने वाले चीन ने भी फ्रांस, अमेरिका और रूस की लाइन से इतर कुछ नहीं कहा। पाकिस्तान सरकार और सेना भी अमेरिका को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में अपनी संलिप्तता के आरोपों को लेकर सफाई देते हुए नजर आए। पाकिस्तान की आतंकियों से हमदर्दी शुक्रवार को उस समय उजागर हो गई जब देश के ही विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सार्वजनिक तौर पर आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की पाक में मौजूदगी को स्वीकार किया। गौरतलब है कि पुलवामा समेत भारत में हुए कई आतंकी हमलों में इसी आतंकी संगठन की भूमिका रही है। 

पुलवामा में 14 फरवरी को हुए भीषण आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। कुरैशी ने कहा कि इस बारे में अब भी भ्रम है कि जैश ने हमले की जिम्मेदारी ली है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘भ्रम यह है कि जब जैश लीडरशिप से बात की गई तो उन्होंने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया।’ यह पूछे जाने पर कि जैश नेतृत्व से किसने संपर्क किया, कुरैशी ने कहा, ‘यहां के लोगों ने और हमारे जानकार लोगों ने।’ एक अन्य साक्षात्कार में कुरैशी ने स्वीकार किया है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में है और बहुत बीमार है, लेकिन कहा कि सरकार उसके खिलाफ तभी कार्रवाई कर सकती है जब भारत ऐसे ठोस सबूत प्रदान करे जो अदालत में टिक सकें। 

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