श्रीनगर-मुजफ्फराबाद रूट से कारोबार बहाल, क्या भारत-PAK में सुधर रहे हैं रिश्ते?
नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भले ही बरकरार हो, दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर मुस्तैद हैं. लेकिन इस बीच श्रीनगर-मुजफ्फराबाद सड़क मार्ग से कारोबार फिर शुरू हो गया है. मंगलवार को दोनों तरफ से सामान से लदे 70 ट्रकों का आवागमन हुआ. भारतीय सीमा की तरफ से 35 ट्रक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की तरफ गए, जबकि इतनी ही संख्या में ट्रक दूसरी तरफ से सलामाबाद व्यापार सुविधा केंद्र पहुंचे.
दरअसल, 26 फरवरी को बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद सुरक्षा के मद्देनजर 27 फरवरी को यह रूट बंद कर दिया गया था. खासकर इस रूट से LoC के आर-पार व्यापार होता है और मंगलवार को एक बार फिर श्रीनगर से 35 ट्रक इस रूट से रवाना हुए और इतने ही ट्रक पाकिस्तान की तरफ से श्रीनगर पहुंचे. यह व्यापार हफ्ते में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक होता है.
श्रीनगर-मुजफ्फ़राबाद मार्ग से खासकर दोनों देशों के बीच टमाटर, प्याज, फल, अखरोट, शहद, कारपेट्स और मसालों से लदे ट्रकों का आवागमन होता है. यहां के व्यापारियों ने इस रूट को खुलने से राहत की सांस ली है. खासकर यह रूट कश्मीर के दोनों भाग को व्यापार के नजरिये से जोड़ता है.
श्रीनगर से रवाना ट्रक को PoK पर चकोटी में खाली किया जाता है, वहीं नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर से आने वाले ट्रकों को सलामाबाद में खाली किया जाता है. यहां के व्यापारियों के लिए ये रूट बेहद अहम है. श्रीनगर के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें भारत की विभिन्न मंडियों में अपना फल-मेवा पहुंचाने में काफी किराया लगता है. जबकि इसके विपरीत मुजफ्फराबाद और पाकिस्तान की दूसरी मंडियों तक फल-मेवा पहुंचाने में काफी कम खर्च होता है.
व्यापार के नजरिये से देखें तो श्रीनगर से सबसे पास की मंडी जम्मू शहर में है, और वो श्रीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर है. जबकि मुजफ्फ़राबाद की दूरी करीब 170 किलोमीटर है. दोनों देशों के समझौते के मुताबिक श्रीनगर-मुजफ्फ़राबाद रूट से 21 सामानों का व्यापार होता है.
श्रीनगर-मुजफ्फ़राबाद रूट पर पहली बार अक्टूबर 2008 में ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर दोनों देशों के बीच व्यापार का आगाज किया गया था. भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास बढ़ाने के नजरिये से इस रूट को व्यापार के लिए बहाल किया गया था. जबकि 170 किलोमीटर श्रीनगर-मुजफ्फ़राबाद रूट पर 7 अप्रैल 2005 को बस सेवा की शुरुआत की गई थी.