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आसनसोल सीट पर है फिल्मी जंग: बाबुल सुप्रियो Vs मुनमुन सेन

 
नई दिल्ली   
     
बाबुल सुप्रियो अगर अपने अंतर्मन की आवाज नहीं सुने होते तो किसी विदेशी बैंक के ऑफिस में फाइलों के बीच डॉलर और रुपयों का हिसाब लगा रहे होते. समय रहते उन्होंने अपने दिल की आवाज सुनी और बैंकिंग का पेशा छोड़ सुरों की साधना करने लगे. बाबुल सुप्रियो के परिवार में संगीत के स्वर सालों से गूंज रहे थे. उनके दादा बनिकंठ एन सी बरल जाने माने वोकलिस्ट और कंपोजर थे. संगीत में उन्होंने ही सुप्रियो को ट्रेनिंग दी. वैसे बाबुल सुप्रियो बचपन से ही ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में शो कर रहे थे.

प्रारंभिक जीवन
15 दिसंबर 1970 को पश्चिम बंगाल के हुगली के उत्तरपाड़ा में जन्मे बाबुल बरल के पिता का नाम सुनील चंद्र बरल, जबकि उनकी माता का नाम सुमित्रा बरल है. बाबुल ने डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद कोलकाता विश्वविद्यालय से कॉमर्स से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई पूरी करने के बाद एक मल्टीनेशनल बैंक में नौकरी करने लगे. जीवन में पैशन की तलाश कर रहे बाबुल सुप्रियो को एक दिन अचानक लगा कि वे इस काम के लिए नहीं बने हैं. एक झटके में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और गायन के क्षेत्र में आ गए. 1992 में प्लेबैक सिंगिंग के लिए वे मुम्बई आ गए. यहां कल्याणजी ने उन्हें पहला ब्रेक दिया, जिसके बाद उन्होंने आशा भोंसले और अमिताभ बच्चन के साथ लाइव शो के लिए अमेरिका और कनाडा जैसे देशों का दौरा किया. 1994 में फिल्म प्रेम रोग के गाने से उन्हें ब्रेक मिला.

कहो ने प्यार है… से बदली किस्मत
साल 2000 में बॉलीवुड में एक फिल्म आई कहो ना प्यार है. अभिनेता ऋतिक रोशन की ये डेब्यू फिल्म थी. इस फिल्म के रोमांटिक गानों ने धमाल मचा दिया. युवाओं के सिर पर इन गानों का जादू जमकर बोल रहा था. इस फिल्म के एक लोकप्रिय गाने को गाया था बाबुल बरल ने. बता दें कि मुम्बई आने के वक्त ही इन्होंने अपना नाम बाबुल सुप्रियो रख लिया था. अबतक वो मुम्बई की चकाचौंध में स्थापित हो चुके थे. उनके कुछ दूसरे लोकप्रिय गाने परी परी है एक पारी (हंगामा) चंदा चमके (फना) हैं.  उन्होंने बांग्ला भाषा में भी गाने गाए.

बाबा रामदेव के साथ फ्लाइट और सांसदी का टिकट
बाबुल सुप्रियो का राजनितिक सफर मार्च 2014 से शुरू होता है. लेकिन इससे पहले का एक बेहद दिलचस्प किस्सा है.  बाबुल सुप्रियो को बीजेपी का टिकट मिलने की शुरुआत एक फ्लाइट से हुई. सिंगर बाबुल सुप्रियो  28 फरवरी 2014 को दिल्ली से जा रही एक फ्लाइट में खुद को बाबा रामदेव के बगल में बैठे पाए. इस दौरान उन्होंने देखा कि रामदेव टिकटों के बारे में फोन पर बात कर रहे हैं. जब बाबुल सुप्रियो ने पूछा कि वो किस बात की चर्चा कर रहे हैं तो रामदेव ने उन्हें बताया कि देश में चुनाव होने जा रहा है और उन्हें कुछ अच्छे लोग चाहिए. इस पर बाबुल सुप्रियो ने उन्हें कहा कि वह भी एक अच्छे इंसान हैं और उन्हें भी टिकट चाहिए. बाबुल सुप्रियो की साफगोई और भलमनसाहत पर बाबा रामदेव चौक गए और उन्होंने अपने पर्सनल सेक्रेटरी को बाबुल का फोन नम्बर नोट करने को कहा.

बाबुल सुप्रियो इस मुलाकात को संयोग मानकर भूल ही गये, लेकिन कुछ ही घंटे बाद 1 मार्च को उन्हें जब संघ से जुड़े एक शख्स का कॉल आया तो उन्हें सहसा यकीन ही नहीं हुआ. इस बार फिर उनसे चुनाव लड़ने की इच्छा पूछी गई. जवाब में उन्होंने कहा कि वे बंगाल में अपने दम पर बीजेपी को एक सीट दे सकते हैं. दो तीन राउंड की वार्ता के बाद बीजेपी ने आसनसोल से उनका नाम पक्का कर दिया.

आसनसोल लोकसभा सीट पर उनका मुकाबला TMC की डोला सेन से था. यहां अपने पहले ही मुकाबले में उन्होंने जीत हासिल की और ममता की पार्टी को 70 हजार वोटों से शिकस्त दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया और उन्हें शहरी विकास आवास और गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री बनाया. 12 जुलाई 2016 को उनका प्रभार बदल कर उन्हें हैवी इंडस्ट्रीज और पब्लिक एंटरप्राइज राज्यमंत्री बनाया गया. पिछले पांच साल में पश्चिम बंगाल की राजनीति में बाबुल सुप्रियो लगातार चर्चा में रहे, राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर वह ममता सरकार को खूब खरी खोटी सुना चुके हैं. आसनसोल में पिछले साल रामनवमी के दौरान हुए दंगे पर भी ममता सरकार से उनकी ठनी थी.
2019 की सेन-sational जंग

आसनसोल से बीजेपी ने एक बार फिर से बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारा है. इस बार आसनसोल का जंग सचमुच SEN-sational होने वाला है. 12 मार्च को ममता बनर्जी ने इस सीट से बतौर TMC कैंडिडेट मुनमुन सेन के नाम का ऐलान किया है. मुनमुन सेन प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं और इस वक़्त बांकुरा से सांसद हैं. मुनमुन सेन की उम्मीदवारी पर बाबुल सुप्रियो ने कहा  कि ममता जी आसनसोल में हमेशा से उनके खिलाफ SEN-sational कैंडिडेट देती रही हैं, चाहे वो 2014 में डोला सेन हो या 2019 में मुनमुन सेन.

निजी जीवन
बाबुल सुप्रियो की पत्नी का नाम रचना शर्मा है. वे एक एयर होस्टेस रह चुकी हैं. खास बात ये है कि जिस तरह  बाबुल सुप्रियो एक फ्लाइट में बाबा रामदेव से मिले, उसी तरह उनकी भावी पत्नी रचना शर्मा  से भी उनकी मुलाकात एक फ्लाइट में ही हुई.  

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