राजनीती

राहुल की स्कीम पर BJP का वार, अरुण जेटली बोले- योजनाओं के नाम पर छल करती है कांग्रेस

नई दिल्ली 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सरकार बनने पर गरीबों को 72 हजार रुपये सालाना देने के वादे पर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा योजनाओं के नाम पर सिर्फ छल-कपट किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास गरीबी हटाने के नाम पर सिर्फ राजनीतिक व्यवसाय करने का रहा है। कांग्रेस ने गरीबी हटाने के लिए कभी संसाधन भी नहीं दिए। जेटली ने कहा, 'इंदिरा गांधी ने 1971 में गरीबी हटाने के नाम पर चुनाव जीता था, लेकिन गरीबी हटाने के लिए क्या जरूरी है, इस पर काम नहीं किया। उन्होंने अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के नाम पर कोई काम नहीं किया। उन्होंने सिर्फ गरीबी वितरण का काम किया था। नीचे के तबके लोगों को ऊपर लाने पर कोई काम नहीं हुआ, हां ऊपर के तबके को नीचे लाकर, गरीबी का वितरण किया गया।' जेटली ने मनरेगा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मनरेगा में 40 हजार करोड़ रुपये साल का खर्च करने का वादा था, और करते थे 28 हजार करोड़। और यह पैसा भी केंद्र से राज्य, राज्य से जिला और इस बीच कई कड़ियों से होकर गुजरता था। गरीब को कितना पैसा मिलता था इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में भी किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही। कर्नाटक में इस मद में 2600 करोड़ रुपये खर्च किए, मध्यप्रदेश ने 3000 करोड़ रुपये और पंजाब ने 5000 करोड़ रुपये खर्च किए। कांग्रेस का भरोसा सिर्फ चुनावी नारे देने का रहा है, संसाधन देने का नहीं। 

अरुण जेटली ने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को लेकर भी कांग्रेस से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि यह पैसा डीबीटी के जरिए जाएगा। ये वही कांग्रेस है, जो पहले आधार लाई, और फिर उसे संसद से सुप्रीम कोर्ट तक ले गई। जो लोग हर जगह आधार का विरोध कर रहे थे, आज डीबीटी से पैसा देने की बात कर रहे हैं। इससे पहले अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक ब्लॉग भी लिखा। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा कि पिछले सात दशकों में किसी भी राजनीतिक दल ने देश के साथ उतनी धोखेबाजी नहीं की, जितनी कांग्रेस ने की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के लोगों को नारे तो बहुत दिए, लेकिन नारों को साकार करने के लिए संसाधन बेहद कम दिए। जेटली ने अपने ब्लॉग का शीर्षक 'क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के गरीबों को पहले से उससे ज्यादा दे रहे हैं, जितना कांग्रेस सिर्फ वादा कर रही है?' रखा है। 

जेटली ने लिखा कि नेहरू के कार्यकाल ने देश को 3.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की तरफ धकेल दिया। जिस समय दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही थी, उस समय हमने अपनी अर्थव्यवस्था को रेग्युलेट करने का फैसला किया। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, 'इंदिराजी नारों को अर्थव्यवस्था से अच्छा समझती हैं। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और गलत नीतियों ने भारत की यात्रा को बाधित किया। 1991 के आर्थिक सुधार का बड़ा हिस्सा उनके (इंदिरा गांधी) किए को पूर्ववत करना था। 1971 में उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा 'गरीबी हटाओ' दिया। उनकी अर्थव्यवस्था प्रॉडक्शन को बढ़ाने की नहीं थी, बल्कि सिर्फ गरीबी के निवारण के बारे में थी।' अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 3.6 लाख करोड़ रुपये डीबीटी से देने की बात कही है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पहले से ही अलग-अलग योजनाओं के तहत 5.34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दे रही है। 

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