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पूर्व एयरचीफ मार्शल बोले- दूसरा होता नतीजा, अगर उस दिन राफेल उड़ाते अभिनंदन

 
नई दिल्ली 

पूर्व वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने कहा है कि अगर पिछले साल पाकिस्तान के साथ भिड़ंत के दौरान कैप्टन अभिनंदन मिग की बजाय राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ा रहे होते तो नतीजा कुछ और होता. पूर्व एयर चीफ मार्शल ने ये बयान रक्षा सौदों के राजनीतिकरण और इसकी वजह से इसमें हो रही देरी को लेकर दिया है. मुंबई में एक कार्यक्रम में पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने राफेल विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि इन वजहों से रक्षा आपूर्ति प्रभावित होती है और इससे सेना की क्षमता पर असर पड़ता है.

आईआईटी बॉम्बे के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे (नरेंद्र मोदी सरकार को क्लिन चिट देने) पर एक बढ़िया फैसला दिया. उन्होंने कहा, "मेरा निजी रूप मानना रहा है कि जब राफेल जैसा मुद्दा उछाला जाएगा, आप रक्षा खरीद प्रणाली को राजनीतिक रंग देंगे, तब पूरा सिस्टम लेट हो जाता है. सभी दूसरी फाइलें भी धीमी गति से आगे बढ़ेंगी क्योंकि तब लोग बहुत सचेत होना शुरू हो जाएंगे."

बोफोर्स बढिया बंदूक, लेकिन विवाद हुआ

बीएस धनोआ ने कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में बोफोर्स तोपों को लेकर भी विवाद हुआ था, जबकि वो अच्छे किस्म के बंदूक थे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को विमानों की कीमतों के बारे में पूछने का अधिकार है क्योंकि उसमें करदाताओं का पैसा लगा होता है.

पिछले साल सितंबर में रिटायर हुए पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री ने एक बयान दिया था, लोग इसे राजनीतिक बता रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि जो बयान उन्होंने दिया वह सही है. धनोवा ने कहा कि यदि हमारे पास राफेल होता तो हालात एकदम जुदा होते. बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले साल मार्च में कहा था कि अगर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के वक्त भारत के पास राफेल लड़ाकू विमान होता तो इसका परिणाम अलग होता.

राफेल क्यों नहीं उड़ा रहे थे अभिनंदन

इसी के आगे बीएस धनोआ ने कहा कि अगर विंग कमांडर अभिनंदन, जिन्होंने दुश्मन के जेट को गिरा दिया था, मिग-21 लड़ाकू विमान की बजाय राफेल उड़ा रहे होते तो नतीजा बिल्कुल अलग होता. उन्होंने कहा, "100 प्रतिशत यह परिणाम अलग होता. अभिनंदन राफेल क्यों नहीं उड़ा रहे थे? क्योंकि आपने यह फैसला करने में 10 साल लगा दिया कि कौन सा विमान खरीदा जाए. इसलिए यह देरी आपको प्रभावित करती है.

बालाकोट और F-16 का ढेर होना

बता दें कि पिछले साल पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया.

भारत की इस कार्रवाई में बालाकोट की पहाड़ी पर स्थित आतंकी ठिकाने मटियामेट हो गए और 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए. इसके बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर स्थित भारत के ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने पाक की ये नापाक कोशिश विफल कर दी. इस कोशिश में मिग-21 उड़ा रहे विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा में चले गए. हालांकि इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान के एक F-16 लड़ाकू विमान को नष्ट कर दिया. कुछ ही घंटों के बाद पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को भी छोड़ दिया था.

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