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जेट एयरवेज की बोली के लिए फिर मौका, कर्जदाताओं की समिति ने लिया फैसला

एयरलाइन पर बैंकों का 8000 करोड़ से अधिक बकायाइस बकाये में सरकारी बैंकों की उल्लेखनीय हिस्सेदारी
वैसे तो कर्ज में डूबी एयरलाइन जेट एयरवेज ने आखिरी उड़ान अप्रैल 2019 में भरी थी, लेकिन अब तक कंपनी के भविष्‍य पर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका है. दरअसल, जेट एयरवेज कर्जदाताओं के अधीन है और कर्जदाताओं की समिति इसकी बिक्री के जरिए पैसे वसूलना चाहती है. इसके लिए बार-बार रुचि पत्र (ईओआई) भी जारी किए गए हैं लेकिन जेट एयरवेज की खरीदारी के लिए कोई खास दिलचस्‍पी नहीं दिखाई गई है.

अब एक बार फिर एयरलाइन के कर्जदाताओं की समिति ने नये सिरे से रूचि पत्र आमंत्रित करने का निर्णय किया है. जेट एयरवेज की ओर से कहा गया, ‘‘एयरलाइन के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की आठवीं बैठक 18 फरवरी को हुई और ई-मतदान 25 फरवरी को हुआ. बैठक में सीओसी ने नए सिरे से रूचि पत्र आमंत्रित करने का निर्णय किया है.

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