मध्य प्रदेश

कमलनाथ का किसानों को संदेश, कर्जमाफी अवश्यत होगी   

भोपाल 
आचार संहिता लगने के पहले किसानों को कर्जमाफी न होने के मुख्य मंत्री कमलनाथ के संदेश पर उठे विवाद के बाद मुख्यसमंत्री नाथ ने किसानों को संदेश देते हुए ब्लॉेग लिखा है। किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंदने लिखा है कि कर्जमाफी मैं एक गंभीर विषय पर आपसे चर्चा करना चाहता हूँ जो आपकी आजीविका से सीधा जुड़ा है। मैंने चुनावों के पहले जब किसानों की कर्ज माफी का वचन दिया था तब मैं इस बात से भली भाँति परिचित था कि किसान जीवन पर्यंत कठिन परिश्रम कर के भी बमुश्किल अपनी आजीविका चला पाता है और इस बीच कभी प्राकृतिक आपदा आ जाए तो उस पर कर्ज के बोझ का पहाड़ टूट पड़ता है। फिर उम्र भर वो कर्ज के चक्र में फँसता चला जाता है। इसीलिए मैंने तय किया था कि इस कर्ज के चक्र को तोडूँगा और किसान भाइयों का नाता फिर खेतों की खुशियों से जोड़ूँगा।  सरकार बनते ही मैंने निर्णय लिया कि लगभग 50 लाख किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। तब पहली प्रतिक्रिया भाजपा की थी कि हम खजाना तो पूरा खाली कर गए हैं,कर्ज माफ ही नहीं किया जा सकता। 

नाथ ने लिखा है कि ये बात सही है कि मध्यप्रदेश के कर दाताओं के पैसों को नियोजित तरीके से पिछली भाजपा सरकार ने अपनी प्रसिद्धि पर खर्च कर सारा खजाना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। मगर हम सब को मिलकर चुनौतियों को अवसर में बदलना है। हमने चुनौती स्वीकार की और अब तक 24 लाख 84 हजार किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। किसानों के हित के इस निर्णय को लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत भाजपा संकीर्ण मानसिकता से देख रही है। उन्हें लगता है कि लोकसभा चुनावों में कमलनाथ सरकार के इस निर्णय से उन्हें नुकसान होगा, इसीलिए वे भ्रम फैलाकर किसानों का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने अपने पूरे सार्वजनिक जीवन में जनता से वही वादे किए हैं जिन्हें मैं पूरा कर सकता हूँ। मैं आज की प्रचलित राजनीति में विश्वास नहीं रखता कि वोट लेने के लिए कुछ भी घोषणा कर दो और फिर उस से मुँह मोड़ लो। भाजपा के पास अवसर था जब उन्होंने 2008 में वादा किया था कि 50 हजार रूपये तक किसानों का कर्ज माफ करेंगे, मगर चुनाव जीतने के बाद वे साफ मुकर गए थे। ये भाजपा की राजनीति का तरीका हो सकता है कि वे पहले तो अपने वादे से मुकर गए और अब किसानों के हित मे लिए गए कर्ज माफी के निर्णय पर सोशल मीडिया और मीडिया में भ्रम फैलाकर किसानों का नुकसान कर रहे हैं। 

नाथ ने लिखा है कि अंततः मैं ये कहना चाहता हूँ कि किसान भाइयों, आप निश्चिंत हो जाइए, जिन किसान भाइयों ने ऋण माफी का आवेदन भरा है उन्हें योजना का लाभ अवश्य मिलेगा। अभी 24 लाख 84 हजार किसानों का कर्ज माफ हुआ है, अब यह अभियान आचार संहिता समाप्त होते ही फिर प्रारंभ होगा। मैं चाहता हूँ कि कर्ज माफी की हर बात मैं आपके सामने पारदर्शी तरीके से रखूँ, इसीलिए आपको सूचित किया गया है। 
 

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