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अब निगम में उजागर हुआ फर्जी बैंक गारंटी मामला

इन्दौर
घोटाले और फर्जीवाड़े की खदान बन चुके इन्दौर नगर निगम में एक और घोटाला उजागर हुआ है। मामला गुजरात की ठेकेदार कंपनी द्वारा फर्जी बैंक गारंटी लगा निगम से कार्य बिलों का भुगतान भी प्राप्त करने का है। मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देश पर शुक्रवार रात सेंट्रल कोतवाली थाने में ठेकेदार फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया गया है। मामला बांगड़दा में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सतपुड़ा इमारत के निर्माण का है जिसके निर्माण टेंडर लेने के लिए राजकोट की ठेकेदार फर्म कुणाल स्ट्रक्चर (इंडिया) प्रा. लि. ने टेंडर लेने के लिए ठाणे की निजी बैंक की 8.50 करोड़ रुपए की जो बैंक गारंटी लगाई वह फर्जी निकली। जबकि फर्म ने निगम से समय-समय पर भुगतान भी ले लिया।

बताया जा रहा है कि कंपनी के साथ निगम का अनुबंध 8 सिंतबर 2017 को हुआ था। उसके बाद काम शुरू कर  कंपनी ने जितने बिल लगाए, उस पर 5 फीसदी सिक्योरिटी डिपाजिट काटकर उनका पेमेंट कर दिया गया था। कंपनी ने निगम से इस 5 फीसदी राशि के भुगतान का कहा तब बैंक गारंटी की पड़ताल के चलते उक्त बैंक की इन्दौर ब्रांच से गारंटी से जुड़े दस्तावेज मांगे तो वहां से बताया गया कि ऐसी कोई बैंक गारंटी जारी ही नहीं की गई है। इसके बाद महापौर के निर्देश पर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आवेदन किया।                          

 

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