
मुज्जफरपुर
मुजफ्फरपुर जिले में मंगलवार को आम महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें 60 से अधिक किस्मों के आमों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस आयोजन ने न सिर्फ किसानों और आम प्रेमियों को आकर्षित किया, बल्कि लीची के लिए प्रसिद्ध इस शहर को आमों की विविधता के लिए भी पहचान दिलाने की दिशा में एक कदम साबित हुआ।
यह आयोजन उत्तर बिहार नर्सरी एसोसिएशन की ओर से किया गया था, जिसमें आम की देसी और विदेशी किस्मों को प्रदर्शित किया गया। आयोजन स्थल पर लगाए गए आमों के पौधों और उनके फलों ने हर किसी का ध्यान खींचा। आमों की विभिन्न प्रजातियों में ‘दशहरी’, ‘लंगड़ा’, ‘चौसा’, ‘केसर’, ‘फजली’ और ‘अल्फांसो’ जैसी लोकप्रिय किस्मों के अलावा करीब 55 अन्य किस्में भी प्रदर्शनी में शामिल थीं। हर आम अपने आकार, रंग, स्वाद और विशेषताओं के कारण चर्चा का विषय बना रहा।
महोत्सव का उद्देश्य
इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आम किसानों को विभिन्न किस्मों की जानकारी देना, वैज्ञानिक तरीके से आम की खेती को प्रोत्साहित करना और आम प्रेमियों के बीच आमों की विविधता को लेकर जागरूकता फैलाना था। आयोजकों का मानना है कि ऐसे आयोजन न सिर्फ किसानों को नई जानकारी देते हैं, बल्कि बाजार में बेहतर आमदनी के अवसर भी प्रदान करते हैं।
संस्था के अध्यक्ष और सचिव ने क्या कहा?
उत्तर बिहार नर्सरी एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.के. मणि ने बताया कि हमारा उद्देश्य बिहार के किसानों को आम की विभिन्न प्रजातियों और उनके रख-रखाव की वैज्ञानिक जानकारी देना है। हम चाहते हैं कि किसान आम की उन्नत खेती को अपनाएं और इसकी व्यावसायिक संभावनाओं को पहचानें। वहीं, संस्था के सचिव अनुराग कुमार ने कहा यह महोत्सव किसानों को एक मंच पर लाने का प्रयास है, ताकि उन्हें जलवायु के अनुसार प्रजातियों के चयन, पौधों की देखरेख, रोग नियंत्रण और आधुनिक खेती तकनीकों की जानकारी मिल सके। हम चाहते हैं कि किसान आम की खेती को एक समृद्ध व्यवसाय के रूप में अपनाएं।