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सब देखते रहे और बेटी की गर्दन रेतता रहा हैवान, किसी ने नहीं रोकी उसकी मौत

नरसिंहपुर
नरसिंहपुर शहर के बीचों बीच सिविल लाइन क्षेत्र में बने जिला अस्पताल में शुक्रवार दोपहर हुए हत्याकांड के बाद आक्रोशित लोगों व संध्या चौधरी के स्वजनों ने अस्पताल के सामने देर रात तक हंगामा किया। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल के सामने की मॉडल रोड पर भी जाम कर आरोपी को फांसी देने और उसका घर गिराने की मांग की। पुलिस ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने का आश्वासन दिया है।

आरोपित पर कड़ी कार्रवाही की मांग की। स्वजनों में आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि हमारी बेटी की हत्या का तमाशा देखा गया, लोग खड़े रहे और कातिल ने चाकू से उसका गला रेत दिया। लोग तमाशबीन बने रहे तमासिन बनें लोग वही खड़े रहे, घटना के बाद जिला अस्पताल सहित नगर में दहशत फैल गई, लोगों ने मृतक संध्या के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। पोस्टमार्टम के दौरान जिला अस्पताल पहुंचे पूर्व राज्य मंत्री जालम सिंह पटेल ने मृतक छात्रा के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की ओर परिजनों के आश्वासन दिया कि आरोपित पर कड़ी कार्रवाही होगी।
 
यह है पूरी घटना
नरसिंहपुर जिला अस्पताल परिसर में एकतरफा प्रेम में पड़े सिरफिरे युवक ने नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही युवती संध्या चौधरी(18) की गला रेतकर हत्या कर दी। शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे दिन-दहाड़े अंजाम दी गई इस दुस्साहसिक घटना के समय डॉक्टर रूम के बाहर अनेक लोग मौजूद थे। इसके बावजूद युवक ने डाक्टर चैंबर में कुर्सी पर बैठी युवती के गले पर चाकू से दनादन वार कर हत्या कर दी। अधिक खून बहने से युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई। लोग आरोपित को पकड़ने के लिए दौड़े पर वह भाग गया। बाद में पुलिस ने अस्पताल परिसर से कुछ दूर आरोपित युवक अभिषेक कोष्ठी(22) गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका के अनुसार हत्यारोपित अभिषेक कोष्ठी ने पूछताछ में बताया है कि उसकी संध्या से दो साल से बात चल रही थी। प्रारंभकि जांच में पाया गया है कि कुछ समय से वह संध्या को परेशान भी कर रहा था, लेकिन संध्या ने यह बात परिवार में किसी को नहीं बताई थी। स्वजन अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए उनके बयान नहीं हो सके हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं।
 
डॉक्टर बनना चाहती थी संध्या
संध्या नरसिंहपुर के सांकल रोड निवासी हीरालाल चौधरी की बेटी थी। उसकी दादी हक्की बाई ने बताया कि नातिन डॉक्टर बनना चाहती थी। परिवार में सब नौकरी करते हैं। संध्या इकलौती बेटी थी। परिवार में सबकी लाड़ली थी। उसने कभी नहीं बताया कि कोई उसे परेशान करता है।

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