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देवेंद्र बूड़िया विवाद में लॉरेंस की धमकी पर कुलदीप बिश्नोई ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा

हरियाणा
अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया के समर्थन में लॉरेंस की सोशल मीडिया पोस्ट सामने आई है, जिसमें उसने भाजपा नेता व पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई का नाम लिए बिना अंजाम भुगतने की धमकी दी है। पोस्ट में लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से देश-विदेश की सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है। बिश्नोई समाज में (अ.भा बि.) महासभा जो की समाज हित में कार्य करती है। उसका जो चुनाव सर्व समाज के हिसाब से होना चाहिए। उस चुनाव को एक व्यक्ति ने अपने चुंगल में इस तरीके से फंसा रखा था। कि जो वह बोलता था वही होता था। और वह एक तानाशाह के रूप में महासभा को चलाता था। हालांकि पंजाब केसरी ने जब इस संबंध में पड़ताल करने के लिए कुलदीप बिश्नोई से बात की तो उन्होंने इसे अफवाह बताया। पंजाब केसरी भी लॉरेंस द्वारा की गई पोस्ट की पुष्टि नहीं करता । 

पूर्व सांसद कुलदीप से रहा बुड़िया का विवाद
भाजपा नेता पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के दोस्त नलवा से विधायक रणधीर पनिहार पर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के तत्कालीन प्रधान देवेंद्र बुड़िया ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर आरोप लगाया था कि रणधीर पनिहार ने उसको दिल्ली बुलाकर चुनाव के लिए करोड़ों रुपये की मांग की और उसके साथ बुरा बर्ताव किया। हालांकि, विधायक रणधीर पनिहार ने सफाई दी थी कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है।

सोशल मीडिया पर लाइव आने के बाद देवेंद्र बूड़िया जोधपुर पहुंचे और वहां पर समाज के लोगों के साथ बैठक की और कहा कि वह समाज का प्रधान हैं और कोई बाहरी (रणधीर पनिहार) व्यक्ति समाज के व्यक्ति का कैसे अपमान कर सकता है? इसके बाद बुड़िया ने बिश्नोई समाज की मीटिंग कर कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटा दिया। इसी बीच कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक होने के नाते बूड़िया को प्रधान पद से हटाकर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त कर दिया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न का सम्मान वापस ले लिया गया।
 
इसके बाद महासभा के 21 में से 14 सदस्यों ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद पर बरकरार रखने के लिए मुरादाबाद रजिस्ट्रार सोसाइटी को हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंप कर कहा गया था कि कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाना असंवैधानिक है। इसके बाद शुरू हुए विवाद के बीच कुलदीप बिश्नोई ने मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को पत्र लिखकर महासभा के संरक्षक पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा उन्होंने मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को महासभा का संरक्षक मनोनीत किया है और महासभा के चुनाव के लिए स्वामी रामानंद की अध्यक्षता में 29 सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। चुनावी प्रक्रियाओं के लिए राजस्थान के एडवोकेट एसके बिश्नोई को कानूनी सलाहकार नियुक्त किया है।

 

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