ट्रंप-मेदवेदेव में जुबानी जंग, न्यूक्लियर धमकी तक पहुंचा अमेरिका-रूस तनाव

वाशिंगटन
अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के पूर्व राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के बीच सोशल मीडिया पर चल रही बयानबाज़ी अब न्यूक्लियर सबमरीन की तैनाती तक पहुंच गई है। मुद्दा सिर्फ यूक्रेन युद्ध पर बातचीत का नहीं, बल्कि अब यह दोनों नेताओं की व्यक्तिगत रंजिश और सत्ता के प्रभाव क्षेत्र को लेकर सीधा टकराव बनता जा रहा है।
ट्रंप का अल्टीमेटम और मेदवेदेव की नाराज़गी
डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी थी कि अगर 8 अगस्त तक यूक्रेन के साथ युद्धविराम नहीं होता है, तो अमेरिका सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप का कहना था कि रूस को अब 50 नहीं, बल्कि सिर्फ 10 से 12 दिन ही दिए जाएंगे। इस पर दिमित्री मेदवेदेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम का गेम खेल रहे हैं। उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए- रूस ना तो इज़रायल है और ना ही ईरान। हर नया अल्टीमेटम एक धमकी है और युद्ध की ओर एक और कदम है।” मेदवेदेव ने आगे चेताया कि यह विवाद रूस-यूक्रेन का नहीं बल्कि अमेरिका और रूस के बीच सीधा टकराव बनता जा रहा है। उन्होंने ट्रंप को ‘ स्लीपी जो ’ (जो बाइडेन का उपहास वाला नाम) की राह पर न चलने की सलाह दी।
ट्रंप की न्यूक्लियर चेतावनी
ट्रंप ने भी जवाब में कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “मेदवेदेव को बता दो, जो रूस का असफल पूर्व राष्ट्रपति है और खुद को अब भी राष्ट्रपति समझता है, कि वह खतरनाक जोन में जा रहा है।”इसके बाद ट्रंप ने 1 अगस्त को ऐलान किया कि उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियां रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मेदवेदेव के "मूर्खतापूर्ण बयानों" से स्थिति बिगड़ सकती है, और यह शब्दों की लड़ाई से आगे बढ़कर गंभीर परिणाम ला सकती है।
मेदवेदेव का तीखा तंज और "डेड हैंड"
मेदवेदेव ने ट्रंप की चेतावनी पर कहा कि अमेरिका की प्रतिक्रिया दिखाती है कि रूस सही रास्ते पर है। उन्होंने सोवियत युग की "डेड हैंड" प्रणाली का उल्लेख किया कि एक ऐसी स्वचालित परमाणु हमला प्रणाली जो दुश्मन के पहले हमले के बाद सक्रिय हो जाती है। उन्होंने ट्रंप को तंज कसते हुए "Walking Dead" जैसे ज़ॉम्बी शो देखने की सलाह दी और अमेरिका के "घमंड" को रूस की अनदेखी नीति का जवाब बताया।
कौन हैं मेदवेदेव ?
रूस के पूर्व राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं दिमित्री मेदवेदेव
2008-2012 तक रूस के राष्ट्रपति रहे।
पुतिन ने उन्हें राष्ट्रपति बनाया था और खुद प्रधानमंत्री बने थे।
दिमित्री मेदवेदेव अब रूसी सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन हैं।
यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका और नाटो के मुखर आलोचक बन चुके हैं।
रूस बनाम अमेरिका: परमाणु शक्ति की होड़
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार: दुनिया में मौजूद करीब 12,241 परमाणु हथियारों में से 83% रूस और अमेरिका के पास हैं। जनवरी 2025 तक दोनों देशों की क्षमता अब भी दुनिया के लिए सबसे बड़ा परमाणु खतरा बनी हुई है। ट्रंप और मेदवेदेव के बीच यह टकराव अब केवल राजनीतिक नहीं रहा, यह वैश्विक सुरक्षा, रणनीतिक संतुलन और परमाणु हथियारों के खतरे का मामला बन गया है। सोशल मीडिया की बयानबाज़ी ने दोनों महाशक्तियों को एक बार फिर कोल्ड वॉर के दौर की याद दिला दी है।