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LAC विवाद पर पीएम मोदी का संदेश: मानवता के लिए सहयोग जरूरी, शी जिनपिंग से की ये वार्ता

तियांजिन

चीन के तियांजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच दोनों नेताओं की बीच इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग से कहा कि दोनों देशों का आपसी सहोयग 2.8 अरब की आबादी और मानवता के लिए जरूरी हो गई है। एलओसी को लेकर भी प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के प्रयासों से सीमा पर शांति का माहौल बना है। शी जिनपिंग ने भी प्रधानमंत्री मोदी की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि अब दोनों देशों का साथ आना जरूरी है।

पीएम मोदी ने कहा, सैनिकों के पीछे हटने के बाद सीमा पर शांति एवं स्थिरता कायम है। सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी थी जो कि कारगर साबित हुई है। हमारे द्विपक्षीय सहयोग से 2.8 अरब लोगों का कल्याण जुड़ा है। भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं फिर से शुरू हो रही हैं जो कि बेहद खुशी की बात है। पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की सफल अध्यक्षता के लिए शी जिनपिंग को बधाई देते हुए कहा, हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें कि चीन ने इसी महीने कहा है कि वह रेयर अर्थ, उर्वरक और टनल बोरिंग मशीन के निर्यात से बैन हटाने को तैयार है। वहीं टैरिफ वॉर के मामले में भी चीन भारत के ही साथ खड़ा है। हाल ही में दोनों देशों ने टूरिस्ट वीजा को लेकर प्रतिबंधों को खत्म कर दिया है। इसके अलावा चीन ने तिब्बत में बौद्धों के धार्मिक स्थल पर भारतीयों को आने-जाने की इजाजत दे दी है। जानकारों का कहना है कि पश्चिम से मिल रही चुनौतियों के बीच एशिया को मजबूत करने की दिशा में यह सार्थक कदम है। अगर भारत और चीन के बीच संबंध सुधरते हैं तो यह अमेरिका के लिए भी बड़ी चुनौती होगी।

पीएम मोदी रविवार से शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन में मुख्य रूप से भाग लेने के लिए चीन में हैं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन की व्यापार और शुल्क संबंधी नीतियों के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में आए तनाव के मद्देनजर शी के साथ मोदी की बैठक अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। तियानजिन की अपनी यात्रा से पहले मोदी ने कहा था कि विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन का मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।

जापान के समाचार पत्र ‘द योमिउरी शिंबुन’ के साथ एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

मोदी ने शुक्रवार को प्रकाशित इंटरव्यू में कहा, “विश्व अर्थव्यवस्था में मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए, दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन का विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।” मोदी की चीन यात्रा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के एक पखवाड़े से भी कम समय के बाद हुई है।

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