विदेश

गाजा से 20 लाख लोगों को हटाने की योजना, लौटने पर ट्रंप फ्लैट का ऑफर; जानें तैयारी

गाजा 
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और इजरायल ने मिलकर गाजा को लेकर प्लान तैयार किया है। इस प्लान की काफी चर्चा है और वॉशिंगटन पोस्ट ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के पास मौजूद दस्तावेजों के हवाले से एक रिपोर्ट छापी है। इसके मुताबिक फिलिस्तीन के बड़े हिस्से गाजा से 20 लाख लोगों को अस्थायी तौर पर हटाया जाएगा। इन लोगों को मिस्र, कतर जैसे देशों में रखा जाएगा या फिर फिलिस्तीन के ही किसी एक क्षेत्र में रखा जाएगा। इन लोगों को तब तक गाजा से बाहर रहना होगा, जब तक इलाके का पुनर्विकास नहीं हो जाता। इस दौरान गाजा छोड़ने वाले फिलिस्तीनियों को डिजिटल टोकन दिए जाएंगे। इसके अलावा कैश पेमेंट किया जाएगा।

गाजा से अस्थायी तौर पर हटाए लोग जहां रहेंगे, वहां खानपान की व्यवस्था होगी। इसके अलावा रेंट सब्सिडी भी दी जाएगी। गाजा के लोगों को हटाने के प्लान को वॉलेंट्री डिपार्टर कहा जा रहा है, जिसके तहत वे दूसरे देश में जाएंगे या फिर तय स्थान पर उन्हें रखा जाएगा। गाजा के लोगों को कुल 4 साल तक बाहर रखने के प्लान पर काम चल रहा है। इसके तहत उन्हें 4 साल की रेंट सब्सिडी मिलेगी और एक साल तक खाने की व्यवस्था की जाएगी। अमेरिका और इजरायल के रणनीतिकारों ने इस प्लान का नाम भी बेहद दिलचस्प रखा है– GREAT। यहां ग्रेट से अर्थ है, Gaza Reconstitution, Economic Acceleration, and Transformation।

अमेरिकी प्लान के मुताबिक गाजा को टूरिस्ट डेस्टिनेशन में तब्दील करने का प्लान है। यहां Gaza Trump Riviera विकसित किया जाएगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस स्मार्ट सिटी बनाए जाएंगे। स्कूल, अस्पताल, इंडस्ट्री, ग्रीन स्पेस जैसी व्यवस्था रहेगी। यहां बड़े पैमाने पर अपार्टमेंट्स बनाने की तैयारी है, जिनके फ्लैट गाजा के उन लोगों को दिए जाएंगे, जिन्हें बाहर भेजा जाएगा। वे अपनी जमीन के बदले मिले डिजिटल टोकन का इस्तेमाल करते हुए फ्लैट हासिल कर सकेंगे। अब तक इस मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है।

अखबार ने लिखा है कि गाजा को लेकर बने इस प्लान में अमेरिकी फंड की जरूरत नहीं होगी बल्कि इससे लाभ ही होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत दुनिया भर से निवेश को आमंत्रित किया जाएगा। यहां इलेक्ट्रिक वीकल प्लांट्स से लेकर डेटा सेंटर्स तक तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा हाईराइज इमारतों की भरमार होगी। इस प्रोजेक्ट में कुल 100 अरब डॉलर के शुरुआती निवेश की तैयारी है। इसके बाद यह प्रोजेक्ट खुद ही फंड जनरेट करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button