अध्यात्म

छठ पूजा पर बनेगा दुर्लभ योग, सूर्य देव की कृपा से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

दिवाली खत्‍म ही छठ का इंतजार शुरू हो जाता है. छठ महापर्व कार्तिक शुक्‍ल की षष्‍ठी तिथि को मनाते हैं, इस दिन सूर्य देव को अर्घ्‍य दिया जाता है. लेकिन यह पर्व कुल 4 दिनों तक चलता है. नहाय खाय से शुरुआत के बाद खरना और फिर ढलते और उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ-साथ यह पर्व समाप्‍त होता है. इन 4 दिनों में बिहार राज्‍य में छठ की जबरदस्‍त धूम देखने को मिलती है. कई दिन पहले से छठ पर्व मनाने के लिए तैयारियां की जाती हैं. इसके अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल में भी छठ मनाया जाता है. इस साल छठ कब है और इस दौरान कौन-कौनसे शुभ योग बन रहे हैं, आइए जानते हैं. 

साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो रही है और 28 अक्‍टूबर को समापन होगा. सबसे पहले 25 अक्टूबर को नहाय-खाय होगा, इसके अगले दिन 26 अक्टूबर को खरना होगा. फिर तीसरे दिन 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. फिर 28 अक्‍टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा. छठ में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करने का विधान है. 

छठ पर शुभ योग 

इस साल छठ पर्व पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें रवि योग का बनना अत्‍यंत शुभफलदायी माना जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठ पूजा पर रवि योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं. सूर्य का ही एक नाम रवि योग है. ऐसे में सूर्य की आराधना के पर्व छठ पर रवि योग का बनना व्रतियों को पूजा का कई गुना ज्‍यादा फल देगा. 

27 अक्‍टूबर को रवि योग का संयोग देर रात 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं सुकर्मा योग का संयोग पूरी रात रहेगा. व्रती रवि योग में सूर्य देव को जल का अर्घ्य देंगे. इस योग में सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा. साथ ही सुख और समृद्धि में बढ़ती है. इसके अलावा छठ पूजा के दिन कौलव और तैतिल करण का भी संयोग निर्मित हो रहा है. इन योगों को भी शुभ माना गया है.  

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