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मौत का सिलसिला जारी: एक और घायल की मौत से मृतकों की संख्या 27 पहुंची

जैसलमेर

जोधपुर-जैसलमेर हाइवे पर बस आग हादसे ने एक बार फिर राजस्थान को शोक में डूबो दिया है। शनिवार को इलाज के दौरान एक और घायल इकबाल ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद इस भीषण हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। हादसे में घायल एक व्यक्ति अब भी वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है, जबकि चार अन्य घायलों का सामान्य वार्ड में इलाज जारी है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार सभी घायलों की हालत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की टीमें चौबीसों घंटे ड्यूटी पर हैं ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके।

इलाज के दौरान तोड़ा दम, परिवार में मचा कोहराम
महात्मा गांधी अस्पताल, जोधपुर के अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि लाठी गांव निवासी ओमप्रकाश (40), जो वेंटिलेटर पर भर्ती थे, ने मंगलवार को इलाज के दौरान अंतिम सांस ली थी। इसके बाद शनिवार को एक और घायल इकबाल ने भी दम तोड़ दिया। दोनों ही मरीज गंभीर रूप से झुलसे हुए थे और पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे। डॉ. भाटी ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश थी कि सभी को बचाया जा सके, लेकिन झुलसने की गंभीरता बहुत ज्यादा थी।

एयरफोर्स परीक्षा देकर लौट रहा युवक भी नहीं बच सका
हादसे के पीड़ितों में एक नाम महिपाल सिंह का भी था, जिसने 18 अक्तूबर को अपनी अंतिम सांस ली। महिपाल एयरफोर्स की परीक्षा देकर जैसलमेर से अपने गांव लौट रहा था। हादसे के वक्त वह बस में सवार था और उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह झुलसने के बाद खुद बस से नीचे उतरता दिखा था। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
 
कैसे हुआ यह दिल दहला देने वाला हादसा
राजस्थान के जैसलमेर जिले में 14 अक्तूबर यानी मंगलवार दोपहर चलती एसी बस में अचानक भीषण आग लग गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि यात्रियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। बस का फाटक लॉक हो गया था, जिससे कई लोग अंदर फंस गए। कुछ यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई। बस में कुल 57 यात्री सवार थे। शुरुआती जांच में पता चला कि शॉर्ट सर्किट से बस के इंजन में आग लगी, जो देखते ही देखते पूरे वाहन में फैल गई। अधिकांश यात्री जोधपुर और जैसलमेर के ग्रामीण इलाकों से थे और कामकाज या परीक्षा से लौट रहे थे।

राज्यभर में शोक, सरकार ने की थी मदद की घोषणा
इस हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की थी। वहीं, सरकार ने हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए थे ताकि आग लगने की वास्तविक वजह का पता लगाया जा सके।
 
मौतों का बढ़ता आंकड़ा और टूटते परिवार
अब तक इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कई एक ही परिवार के सदस्य थे, जिनकी एक साथ चिताएं जलने से गांवों में मातम का माहौल है। घायलों के परिजन अब भी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं और हर गुजरते दिन के साथ उम्मीदें कमजोर पड़ती जा रही हैं।

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