500 साल के इंतजार के बाद पूरा हुआ राम मंदिर, रामलला के साथ अन्य देवताओं के मंदिर भी बने

अयोध्या
पूरे विश्व में प्रभु राम के भक्तों में एक अलग ही उत्साह आज देखने को मिल रही है. अयोध्या में आखिरकार वह दिन आ गया. जब प्रभु राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है. राम मंदिर से जुड़ी एक बड़ी जानकारी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साझा की है. चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में बनने वाला प्रभु राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है. इसके अलावा राम मंदिर के साथ ही परकोटे में बनाए जा रहे सभी मुख्य मंदिरों में, जिसमें भगवान शंकर, भगवान गणेश, हनुमान जी, सूर्य, भगवती माता, माता अन्नपूर्णा, शेषअवतार मंदिर पूर्ण रूप से तैयार कर लिया गया है.
इन मंदिरों का हो चुका है निर्माण
इस पर ध्वज दंड एवं कलश भी स्थापित कर दिया गया है. सप्त मंडप में जितने भी मंदिर हैं, जिसमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, निषादराज, माता शबरी, माता अहिल्या के मंदिर भी पूर्ण हो चुके हैं. इसके अलावा संत तुलसीदास जटायु गिलहरी की प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई है. दरअसल, अयोध्या में 25 नवंबर को ध्वजारोहण का कार्यक्रम होना है, जिसके मौके पर 10000 विशेष मेहमान और खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में मौजूद रहेंगे. 25 नवंबर की वह तारीख है, जब राम मंदिर से प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर की पूर्णता का संदेश देंगे तो विश्व में बैठे राम भक्त भी उत्साहित होंगे.
दर्शनार्थियों से जुड़े सभी कार्य पूरे
चंपत राय ने स्पष्ट किया कि दर्शनार्थियों की सुविधा और व्यवस्था से जुड़े सभी कार्य पूरे कर दिए गए हैं. वहीं मानचित्र अनुसार सड़कें और फर्श पर पत्थर लगाने का काम एलएंडटी (L&T) द्वारा किया जा रहा है. साथ ही भूमि सौंदर्यीकरण और हरियाली का कार्य जारी है. जबकि 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण GMR कंपनी द्वारा तेज़ी से किया जा रहा है.
सिर्फ प्रशासनिक व तकनीकी कार्य शेष
ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि ऐसे कार्य ही शेष हैं, जिनका सीधा संबंध जनता से नहीं है. जिसमें 3.5 किलोमीटर लंबी परिसर की चारदीवारी (बाउंड्री वॉल),ट्रस्ट कार्यालय भवन, अतिथि गृह, भव्य सभागार (ऑडिटोरियम) जैसे कार्य साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.




