ऑटोमेटेड ड्राइविंग सेंटर पर ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, पंचायत ने जड़ा ताला

गोराया 
गोराया और फिल्लौर के बीच गांव दोसांझ खुर्द की पंचायती जमीन पर बने ऑटोमेटेड टेस्ट ड्राइविंग सेंटर पर पंचायत सदस्यों ने ताला जड़ दिया। जिस कारण ट्रैक स्टाफ व ड्राइविंग लाइसेंस का काम करवाने आए लोगों को करीब डेढ़ घंटे तक तपते ट्रैक के बाहर खड़ा रहना पड़ा। मौके पर नायब तहसीलदार नूरमहल व अन्य अधिकारी आए और पंचायत के 15 दिन के आश्वासन को देखते हुए ट्रैक का ताला खुलवाया गया और काम सामान्य रूप से शुरू हो गया।
दरअसल, ग्राम पंचायत दोसांझ खुर्द ने बताया कि यह जमीन उनकी पंचायती जमीन है जिस पर ड्राइविंग टेस्ट सेंटर बना हुआ है। पिछले तीन साल से उन्हें किराया नहीं दिया गया है, जो करीब 6 लाख रुपये बनता है, जिससे उन्हें अपने गांव का विकास करना है। वे बार-बार अधिकारियों व संबंधित विभागों से मिल चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। इसी से तंग आकर उन्होंने गुरुवार शाम को ट्रैक पर ताला जड़ दिया। कर्मचारियों को सुबह इसकी जानकारी हुई। जब उन्होंने ट्रैक का गेट खोलने की कोशिश की तो देखा कि अंदर से ताला लगा हुआ था। इसके बाद पता चला कि यह ताला पंचायत ने लगाया था। लोग और कर्मचारी करीब डेढ़ घंटे तक बाहर खड़े रहे।
 
जिसके बाद नायब तहसीलदार नूरमहल, बी.डी.पी.ओ. रुड़का कलां और पंचायत सचिव के साथ मौके पर आए। उन्होंने पंचायत को आश्वासन दिया कि पंचायत अपनी सहमति और बकाया राशि लिखित में दे, जिसके बाद उन्हें 15 दिन में उनकी राशि दे दी जाएगी। इसके बाद पंचायत ने ताला खोला और लोगों ने भी राहत की सांस ली और अपना काम शुरू किया।
 

 
						

