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कौन हैं सौम्या चौरसिया? भूपेश बघेल सरकार की ‘सुपर सीएम’ कही जाने वाली अधिकारी 4364 करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार

रायपुर
 पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव और निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया को ईडी ने 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में फिर गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी ईडी ने उन्हें 2 दिसंबर 2022 को इसी मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह 822 दिन जेल में रहीं और 3 मार्च को जमानत पर रिहा हुईं। जमानत पर बाहर रहने के करीब 9 महीने बाद, मंगलवार को ईडी ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया है। अब उन्हें दोबारा रायपुर केंद्रीय जेल भेजा जाएगा। इस तरह सौम्या पर कुल 4364 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है।

पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी
एजेंसी का दावा है कि रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, चैतन्य बघेल, मनीष उपाध्याय और जयचंद कोसले की चैट रिपोर्ट और पूछताछ के आधार पर सौम्या को गिरफ्तार किया गया है। पिछली सरकार के दौरान पावरफुल अधिकारियों के आधा दर्जन व्हाट्सएप ग्रुप थे, जिनमें 'बिग बॉस', 'जय मां काली ग्रुप', 'पाल ग्रुप', 'डिस्कशन ग्रुप', 'जुगनू ग्रुप', 'अवतार' और 'मंथली ग्रुप' शामिल हैं। 'मंथली ग्रुप' में पैसों के लेन-देन का जिक्र मिलता है। इन्हीं ग्रुप्स में मिले चैट के आधार पर सौम्या के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गिरफ्तार आरोपियों से जब्त डायरी में भी कोडवर्ड में इन लेन-देन का उल्लेख मिला है।

4364 करोड़ के कुल घोटाले का आरोप
सौम्या पर कुल 4364 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इसमें 500 करोड़ रुपये के अवैध कोल लेवी केस में ईडी की गिरफ्तारी, 540 करोड़ रुपये के कोल लेवी केस में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी, 575 करोड़ रुपये के डीएमएफ घोटाला में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी, और 49 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी शामिल है। अब 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में ईडी ने उन्हें फिर से गिरफ्तार किया है।

3200 करोड़ का है घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान सामने आया था। इस घोटाले में ईडी कई बड़े अधिकारियों और नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे भी शराब घोटाले के मामले में जेल में हैं। ईडी का दावा है कि कांग्रेस सरकार में नियमों से छेड़छाड़ कर करीब 3200 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था।

सौम्या चौरसिया भूपेश बघेल की करीबी
सौम्या चौरसिया 2008 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। सौम्या चौरसिया का जन्म दुर्ग जिले के भिलाई में हुआ है। सौम्या चौरसिया, पेंड्रा, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन में एसडीएम रही हैं। भूपेश बघेल पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब सौम्या चौरसिया पाटन की एसडीएम रहीं उस दौरान उनकी वर्किंग स्टाइल की चर्चा होती थी। भूपेश बघेल भी उनके वर्किंग स्टाइल से प्रभावित हुए थे।

सीएमओ में थी बड़ी जिम्मेदारी
सौम्या चौरसिया 2016 रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त थीं। छत्तीसगढ़ में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेश बघेल राज्य के सीएम। भूपेश बघेल के सीएम बनने के बाद सौम्या चौरसिया मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ हुईं थी। उन्हें सीएमओ में उपसचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। सौम्या चौरसिया का नाम कोल लेवी घोटाले में भी जुड़ा है। कोयला घोटाले में भी सौम्या चौरसिया जेल जा चुकी हैं।

कौन हैं सौम्या चौरसिया?
जांच एजेंसी का दावा है कि सौम्या 2008 बैच की डिप्टी कलेक्टर हैं। उनकी 17 साल की सेवा अवधि में शासन से उन्हें 89.19 लाख रुपये का वेतन मिला है, जबकि परिवार की कुल आय 2.51 करोड़ रुपये है। इसके बावजूद, उन्होंने 49.69 करोड़ रुपये की 45 बेनामी संपत्तियां खरीदीं, जो उनकी आय से 1872 प्रतिशत अधिक है। ईओडब्ल्यू ने सौम्या की 39 करोड़ रुपये की 29 संपत्तियां अटैच की हैं, जबकि ईडी ने 8 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियां अटैच की हैं।

एफडी और निवेश भी मिले
रिश्तेदारों की भी 8 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच हुई है। सौम्या, शांति देवी और ओम नारायण के नाम से इंडियन बैंक रायपुर में कुल 8.60 लाख रुपये की एफडी है। सौम्या और सौरभ के नाम पर डीएसपी म्युचुअल फंड और एचएसबीसी म्युचुअल फंड में कुल 57,308 रुपये का निवेश है। अनुराग चौरसिया ने निपोन इंडिया में 2,25,830 रुपये का निवेश किया है।

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