अमेरिका पर हमले की तैयारी, लेकिन हथियार रूस-चीन से खरीद रहा वेनेजुएला; क्या और देश जंग में कूदेंगे?

कैरेकस
वेनेजुएला की सेना मुख्य रूप से रूस, चीन और ईरान से हथियार खरीदती है. अमेरिका ने 2006 से ही वेनेजुएला पर हथियारों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है, क्योंकि उसे आतंकवाद विरोधी प्रयासों में सहयोग न करने का आरोप लगाया गया. इसलिए, राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार इन तीन देशों पर निर्भर है. अमेरिकी नौसेना की कैरिबियन में तैनाती से पैदा हुए हालिया तनाव के बीच वेनेजुएला ने इन देशों से और मदद मांगी है.
मुख्य हथियार सप्लायर और हालिया डील्स
रूस (सबसे बड़ा सप्लायर): पिछले 20 सालों में अरबों डॉलर के हथियार दिए, जैसे Su-30MK2 फाइटर जेट (करीब 24), T-72 टैंक, S-300VM एयर डिफेंस सिस्टम, Buk-M2E और Pantsir-S1 मिसाइल सिस्टम, Igla-S शोल्डर-फायर्ड मिसाइलें (करीब 5,000), AK-103 असॉल्ट राइफलें (स्थानीय उत्पादन भी) और Dragunov स्नाइपर राइफलें.
2025 में: मादुरो ने रूस से Su-30 जेट की मरम्मत, रडार और मिसाइलें मांगीं. रूसी सांसद ने Oreshnik बैलिस्टिक और Kalibr क्रूज मिसाइलें देने की बात कही (अभी कन्फर्म नहीं). अक्टूबर 2025 में रूसी Il-76 कार्गो प्लेन काराकास पहुंचा. कहा जा रहा था कि उसमें संभवतः हथियार थे.
चीन: बख्तरबंद वाहन (VN-4), K-8 ट्रेनर जेट, C-802 एंटी-शिप मिसाइलें, रडार सिस्टम.
2025 में: मादुरो ने चीन से रडार उत्पादन तेज करने और सैन्य सहयोग बढ़ाने की अपील की. चीन वेनेजुएला का बड़ा आर्थिक पार्टनर है, तेल के बदले लोन देता है.
ईरान: ड्रोन टेक्नोलॉजी (शाहेद जैसे मिसाइल-कैरिंग ड्रोन), CM-90 एंटी-शिप मिसाइलें, GPS जैमर, पैसिव डिटेक्शन सिस्टम.
2025 में: ईरान से ड्रोन और मिलिट्री इक्विपमेंट की डिलीवरी हुई. परिवहन मंत्री ने 1000 किमी रेंज वाले ड्रोन मांगे.
SIPRI के आंकड़ों से 2023 में वेनेजुएला ने करीब 98 मिलियन डॉलर के हथियार आयात किए, लेकिन आर्थिक संकट और प्रतिबंधों से खरीद कम हुई है. पहले पुराने अमेरिकी F-16 जेट थे, लेकिन अब मेंटेनेंस मुश्किल हो गई है.
तेल टैंकरों के आने-जाने पर पूरी तरह नाकेबंदी का आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला में आने और जाने वाले सभी प्रतिबंधित किए गए तेल टैंकरों की पूरी तरह से नाकेबंदी का आदेश दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी घोषणा की है। उन्होंने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार पर चोरी की तेल संपत्ति का इस्तेमाल अपराध, आतंकवाद और मानव तस्करी को बढ़ावा देने में कर रही है।
वेनेजुएला के खिलाफ अमेरिकी सैन्य घेरा
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि 'वेनेजुएला पूरी तरह से दक्षिण अमेरिका के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े नौसैनिक बेड़े से घिरा हुआ है।' इसके साथ चेतावनी दी कि काराकस अमेरिका का तेल, जमीन और दूसरी संपत्ति वापस नहीं करता, तब तक यह घेराबंदी और बढ़ेगी। उन्होंने लिखा, 'यह और भी बड़ा होगा और उन्हें ऐसा झटका लगेगा जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा होगा, जब तक वे अमेरिका से चुराए गए सभी तेल, जमीन और दूसरी संपत्ति वापस नहीं कर देते।'
वेनेजुएला पर आतंकवाद को फाइनेंस करने का आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि मादुरो सरकार को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है, जिसमें ड्रग तस्करी, अपहरण, मानव तस्करी और हिंसा के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि वेनेजुएला के खेतों से तेल चुराकर इसका इस्तेमाल आतंकवाद को फाइनेंस करने के लिए किया जा रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अब इस सिस्टमैटिक चोरी और आपराधिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अमेरिका से मुकाबला: क्या संभव है?
वेनेजुएला अमेरिका का सीधा मुकाबला नहीं कर सकता. ग्लोबल फायरपावर 2025 रैंकिंग में अमेरिका नंबर 1 है, वेनेजुएला 50वें स्थान पर. मुख्य अंतर…
सैनिक संख्या: अमेरिका – 13 लाख एक्टिव + 8 लाख रिजर्व. वेनेजुएला – करीब 1.09-1.23 लाख एक्टिव + 8,000 रिजर्व + मिलिशिया (दावा 45 लाख, लेकिन असल कम और कमजोर ट्रेनिंग).
हवाई ताकत: अमेरिका – 13,000+ कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (F-22, F-35 जैसे स्टेल्थ). वेनेजुएला – सिर्फ 229 (ज्यादातर पुराने रूसी Su-30, कई ऑपरेशनल नहीं).
नौसेना: अमेरिका – 440 जहाज (एयरक्राफ्ट कैरियर, न्यूक्लियर सबमरीन). वेनेजुएला – 34 जहाज.
बजट: अमेरिका – 895 बिलियन डॉलर. वेनेजुएला – करीब 2-4 बिलियन डॉलर.
टेक्नोलॉजी और अनुभव: अमेरिका की सेना आधुनिक, ग्लोबल ऑपरेशन का
अनुभव. वेनेजुएला की सेना पुरानी, मेंटेनेंस की कमी, मुख्य काम प्रदर्शन कंट्रोल.
क्या और भी देश कूदेंगे जंग में
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बढ़ा रहे हैं. वे ड्रग तस्करी और तेल निर्यात रोकने के नाम पर कैरिबियन सागर में बड़ा सैन्य जमावड़ा कर चुके हैं. नौसेना के जहाज तैनात किए हैं. संभव सैन्य कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं. इस बीच, वेनेजुएला रूस और चीन से हथियार खरीद रहा है या मदद मांग रहा है. रूस ने पहले सुखोई जेट, S-300 मिसाइल सिस्टम और टैंक दिए हैं, जबकि हालिया तनाव में मादुरो ने रूस से मिसाइलें, रडार और जेट की मरम्मत मांगी है. चीन रडार और आर्थिक मदद दे रहा है.
हालांकि रूस और चीन वेनेजुएला के करीबी सहयोगी हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वे सीधे जंग में नहीं कूदेंगे. रूस पहले ही यूक्रेन युद्ध में उलझा है. चीन अपनी घरेलू प्राथमिकताओं को जोखिम में नहीं डालेगा. ईरान ने भी ड्रोन और मिसाइलें दी हैं, लेकिन बड़ा हस्तक्षेप मुश्किल. अन्य देश जैसे क्यूबा या निकारागुआ समर्थन दे सकते हैं, लेकिन सीमित. कुल मिलाकर, अगर अमेरिका हमला करता है तो वेनेजुएला अकेला पड़ सकता है. यह संघर्ष क्षेत्रीय स्तर पर ही रहेगा.
आसमान से समंदर तक अमेरिकी घेरेबंदी में है वेनेजुएला
पेंटागन ने वेनेजुएला को डराने और दबाव बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कैरेबियन सागर में दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर USS Gerald R. Ford तैनात किया गया है। अक्टूबर में दो घातक B-1 लांसर बॉम्बर्स ने वेनेजुएला के तट के पास उड़ान भरी थी, जिसे एक सीधे सैन्य संदेश के रूप में देखा जा रहा है। व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूजी विल्स ने एक इंटरव्यू में बेहद चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की नीति 'तब तक घेरेबंदी की है जब तक मादुरो घुटने न टेक दें'।




